मेरी तेरी प्रीत के आगे, वक्त की नहीं कोई औकात। मेरी तेरी प्रीत के आगे, वक्त की नहीं कोई औकात।
मुश्किल है मिलना फिर से वो कारवां, भला वो खुशियाँ और कहाँ। मुश्किल है मिलना फिर से वो कारवां, भला वो खुशियाँ और कहाँ।
क्योंकि पहचान गए हैं अपने एक वोट का मोल। क्योंकि पहचान गए हैं अपने एक वोट का मोल।
अज़ब दुनिया गज़ब का मेला इतनी बड़ी भीड़ फिर भी अकेला। अज़ब दुनिया गज़ब का मेला इतनी बड़ी भीड़ फिर भी अकेला।
बिना किसी गलती के अक्सर, बिना किसी गलती के अक्सर,
पर लिए सुबह से शाम तक दौड़ती भागती औरत। पर लिए सुबह से शाम तक दौड़ती भागती औरत।