मेला
मेला
अज़ब दुनिया
गज़ब का मेला
इतनी बड़ी भीड़
फिर भी अकेला।
इस मेले की रीत निराली
अलग चेहरों का एक माली
मदारी ज्यूँ बंदर को नचाये
वैसी है सब की जिंदगानी।
जिंदगी के मेले भीड़ बड़ी है
भागम भाग, जिंदगी छूटी है
रिश्तों का यहाँ मोल नहीं है
सबसे सस्ती बोली लगी है।