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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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भ्रमजाल

भ्रमजाल

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चलो मान लिया 

कि ये दुनिया भ्रमजाल है,

पर इसे भ्रमजाल बनाया किसने

कभी इस पर भी विचार किया है ?


शायद नहीं यकीनन

कभी नहीं किया

क्योंकि ये भ्रमजाल

आपने ही फैलाया है,

इसीलिए विचार का ख्याल आये

इसका औचित्य ही कहाँ है।


मगर कम से कम 

अब से सही कुछ ख्याल कीजिए

विचार को औचित्यपूर्ण बनाइए,

भ्रम और जाल में फासला कीजिए

अपने ही फैलाए भ्रमजाल में

कभी मत उलझिए,


अच्छा होगा भ्रम और जाल का 

अब अंतर तो कीजिए,

अपने ही फैलाए भ्रमजाल में कभी

स्वयं ही तो न फँसिए

भ्रम और जाल में अंतर तो समझिए।


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