क्युंकि नग्मे-वफा दिल ये दिवाना हो गया, और गुजरे वो लम्हे जमाना हो गया। क्युंकि नग्मे-वफा दिल ये दिवाना हो गया, और गुजरे वो लम्हे जमाना हो गया।
रहगुज़र पर खुशियाँ राह तके चुनौतियां देना ही फ़ितरत तेरी कितनी वाजिब है। रहगुज़र पर खुशियाँ राह तके चुनौतियां देना ही फ़ितरत तेरी कितनी वाजिब है।
दबे पांव हर मुसाफिर की मंज़िल बन जाती है पैमाना-ए-रहगुज़र...? दबे पांव हर मुसाफिर की मंज़िल बन जाती है पैमाना-ए-रहगुज़र...?
उसकी कलकल में, जिंदगी के अधूरे किस्सों का डूबना बाकी है। उसकी कलकल में, जिंदगी के अधूरे किस्सों का डूबना बाकी है।