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जिंदगी के भगदड़ में जीना भूल गये हम सोचता रहता हूँ अक्सर क्यों ऐसा होता हैं ? जिंदगी के भगदड़ में जीना भूल गये हम सोचता रहता हूँ अक्सर क्यों ऐसा होत...
तुम्हे लिखना होगा रोटी से लेकर सबकुछ उस चाँद तक ढलते सूरज से अमावस की रात। तुम्हे लिखना होगा रोटी से लेकर सबकुछ उस चाँद तक ढलते सूरज से अमावस की रात।
आतंकवाद, घूसखोरी, कोरोना काल महंगाई, भुखमरी, बेरोजगारी आतंकवाद, घूसखोरी, कोरोना काल महंगाई, भुखमरी, बेरोजगारी
अपने लक्ष्य की और कदम बढ़ता है मत पूछो युवा क्या कर रहा है ? अपने लक्ष्य की और कदम बढ़ता है मत पूछो युवा क्या कर रहा है ?
कौन हारा नहीं पूछा जायेगा ,बल्कि सच्चाई के साथ कौन था देखा जायेगा। कौन हारा नहीं पूछा जायेगा ,बल्कि सच्चाई के साथ कौन था देखा जायेगा।