मुस्कुरा देना
मुस्कुरा देना
कुछ नाराज़गी,
ज़िन्दगी से भी जता देना !
कभी आंसू जो आए,
मुस्करा देना !
कई आयाम ज़िन्दगी के,
महफूज़ हैं तरन्नुम में,
कभी असहज महसूस होने लगे,
मुस्कुरा देना !
कभी पल्कों पे नाराज़गी ठहर जाए,
कभी मन भय से सिहर जाए,
लोग हँसे तुम पर बेपरवाह, तुम भी,
मुस्कुरा देना !
मुस्कुराना जब,
हालात ठीक न लगें,
मन के सवाल सताने लगें,
कोई अपना याद आने लगे !
किसी रोज़ जब,
ज़िन्दगी में सपनों का
स्वाद आने लगे,
तन्हाई में बीता कल याद आने लगे,
मुस्कुरा देना !