डूबा डूबा-सा
डूबा डूबा-सा
कुछ पानी की बूंदों की
प्यास में डूबा डूबा-सा
मैं तो उस चाँद की
आस में डूबा डूबा-सा
मुझको तो रौशन
इन अंधेरों ने किया है
मैं इन अँधेरों की
साँझ में डूबा डूबा-सा
मैं तो किसी मोहब्बत
किसी प्यार का एक अंश हूँ
मैं भीतर छिपे
प्यार में डूबा डूबा-सा
मैं लिख रहा हूँ
एक अनोखी दास्तां
मैं इस नज़्म के
सार में डूबा डूबा-सा