पुरानी हो गयी
पुरानी हो गयी
फिर कल जो आया तो,
कल की बात,
पुरानी हो गयी !
मैं जीता था कल जी भर के,
और ज़िन्दगी,
पुरानी हो गयी !
फिर जिस राह,
चल रहा था मैं,
वो राह, बेगानी हो गयी !
जहाँ पहुँचना था,
जो मंज़िल थी बरसों से,
वो मंज़िल भी पुरानी हो गयी !
फिर हर ख्वाब,
हर ख्वाहिश,
हर सपने, पुराने हो गए !
जो अपने थे कल,
जिनके साथ था जीवन बिताना,
संग रहने की चाह,
पुरानी हो गयी !