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Anushree Goswami

Abstract

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Anushree Goswami

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मैं बचपन हूँ

मैं बचपन हूँ

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शांत हूँ, 

खुद से बाते करता हूँ !

शोर हूँ,

सबको सुनाई देता हूँ !


प्यार हूँ,

पनपता रहता हूँ !

इंतज़ार हूँ,

ठहरा रहता हूँ !


बादल हूँ,

पूरा आसमां लिए,

फिरता हूँ !

बारिश हूँ,

हर बूंद में सागर लिए,

बरसता हूँ !


पहचान हूँ,

मेरी तस्वीर लिए सब फिरते हैं !

मुस्कान हूँ,

हर चेहरे रहता हूँ !


मैं पल हूँ,

ज़िन्दगी मुझमें रहती है !

मैं बचपन हूँ,

हर उम्र में ज़िंदा रहता हूँ !


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