भोजपुरी कजरी गीत -सवनवा में ना अइबो ननदी
भोजपुरी कजरी गीत -सवनवा में ना अइबो ननदी
आई गइली बरखा बहार हो,
सवनवा में ना अइबो ननदी।
सावन के फुहार तन में अगिया लगावेला।
सखी सब मिलीजुली झुलवा झुलावेला।
नाही अइले बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।
सावन के रात हमके नागिन जईसन डंसेले।
भौजी के बात हमके तीर जईसन धंसेले।
आजा तानी बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।
झूमी झूमी बदरा पनिया बरसावेला।
रही रही जियरा में दरदिया उठावेला।
भूली गइला बलमा हमार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।
पवन के झ्ंकोरा मोरा अँचरा उड़ावेला।
सावन के महीना मोरा मन के लुभावेला।
कईसे लूटी सावन के बहार हो।
सवनवा में ना अइबो ननदी।