भोजपूरी पूर्णिका _ नजर भर के
भोजपूरी पूर्णिका _ नजर भर के
देखा ना नजर भर के प्यार हमसे कर जईबु।
पास अइबु हमरा दिल हाथ हमरे धर जईबु।
सुघर बनवले भगवान तोहरा बड़ा फुरसत में।
नहवा दा आपन रूप अंजोरीया तू तर जईबु।
महकेला बगिया तोहरे बदन की खुशबू से।
भर ला हमके बहिया में गोरी तू सवर जईबु।
बोली तोहार कोइली जस मीठ बड़ा लागेला।
नाम लेला हमार गजल के बन बहर जईबु।
लगन लागल तोहसे छूटी ना जीनगी भर।
सुधर जाई जिनगी दिल हमरे गुजर जईबु।
तोहरे बिना जान दुनिया बिरान बड़ा लागेला।
चैन मिल जाई दिल हमरे जब ठहर जईबु।
मांग के देख ला दिल रख दी हथेली तोहरे|
जान जाई बन के जान छोड़ अगर जईबु।
तू शम्मा हम परवाना तोहरे पर मर गइली|
सजइबु मांग नाम हमरे गोरी निखर जईबु।