बाली उमर, तिरछी नजर, करें बेखबर, ना हो सबर... बाली उमर, तिरछी नजर, करें बेखबर, ना हो सबर...
न जाने पास होकर भी तुम क्यूँ दूर नज़र आते हो। न जाने पास होकर भी तुम क्यूँ दूर नज़र आते हो।
नज़रों का खेल है ये नज़रों से, इसे नज़र का खेल, बना न देना। नज़रों का खेल है ये नज़रों से, इसे नज़र का खेल, बना न देना।
इस रिश्तों की पोटली को एक रिश्ता दे जाओ। इस रिश्तों की पोटली को एक रिश्ता दे जाओ।
फिर चाचा पीछे पीछे और हम आगे आगे। फिर चाचा पीछे पीछे और हम आगे आगे।
फल और कंद-मूल खाकर ही तो जिन्दा था। फल और कंद-मूल खाकर ही तो जिन्दा था।