भले ही मुझे शर्म की चुनरी ओढ़नी पड़े पर अब भी मैं कली सी मासूम हूँ। भले ही मुझे शर्म की चुनरी ओढ़नी पड़े पर अब भी मैं कली सी मासूम हूँ।
फिर चाचा पीछे पीछे और हम आगे आगे। फिर चाचा पीछे पीछे और हम आगे आगे।
अंधेरों में था मैं, खोया हुआ, भटकता हुआ, आँखों को जैसे परदों ने लपेटा हो, फासलों में डूबता... अंधेरों में था मैं, खोया हुआ, भटकता हुआ, आँखों को जैसे परदों ने लपेटा हो,...
खता अल्फाज कर गये दूरियां दिल को मिली चलो अब भूलकर शिकवे गले एक बार मिलते हैं। खता अल्फाज कर गये दूरियां दिल को मिली चलो अब भूलकर शिकवे गले एक बार मिलते हैं...
मौन की चीखें शोर भरे सन्नाटे में सुनाई देती है बेनाम सी किलकारीयों में शिकायतें बयां कर जाती हैं मौन की चीखें शोर भरे सन्नाटे में सुनाई देती है बेनाम सी किलकारीयों में शिकायत...
शमशान में भी मुर्दा जले ना जब तक चहल-पहल का माहौल रहता है। शमशान में भी मुर्दा जले ना जब तक चहल-पहल का माहौल रहता है।