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यह कैसा घर है

यह कैसा घर है

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कैसा घर है

सन्नाटा सा पसरा

रहता है।


एक अदद बूढ़ा जोड़ा

जिन्दा सा है अब तक

रहता है।


लौट काम-धंधे से

हर कोई शख़्श

बस अपने-अपने कमरे में

रहता है।


अरे शमशान में भी 

मुर्दा जले ना जब तक

चहल-पहल का माहौल 

रहता है।


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