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रिक्शाचालक

रिक्शाचालक

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रिक्शा चालक हूँ साहिब

मेरे बहते पसीने पे ध्यान ना दो।


कहीं आपकी

सहानुभूति से टूट गया तो।


मेरी गृहस्थी बिखर जाएगी

जब पसीने से सनी कमाई ले जाता हूँ।


घर में रहने वाले मेरे अपनों की

आँखों में चमक और


होठों पे मुस्कान देख

सारी थकान भूल जाता हूँ।


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