हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरें
पड़ी जो माथे से
पसीने की एक बूँद हथेली पर
हाथ की लकीरें
खुशी से खिलखिला पड़ी।
जो देखना हो मुझे
इसी तरह सदा खिलखिलाते
मुझ ओर ना देखा कर
पसीने पे भरोसा रखा कर।
पड़ी जो माथे से
पसीने की एक बूँद हथेली पर
हाथ की लकीरें
खुशी से खिलखिला पड़ी।
जो देखना हो मुझे
इसी तरह सदा खिलखिलाते
मुझ ओर ना देखा कर
पसीने पे भरोसा रखा कर।