कहो तो जमीन में से निकाल दू पानी की धार। कहो तो जमीन में से निकाल दू पानी की धार।
पेट की कमज़ोरी हड्डियों का कड़कड़ापन और अतीत का बोझ, वर्तमान में रहने नहीं देता। पेट की कमज़ोरी हड्डियों का कड़कड़ापन और अतीत का बोझ, वर्तमान में रहने नहीं देता।
अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में। अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में।
बच्चों को मुस्कराने वाली किसी से गनना न करने वाली बच्चों को मुस्कराने वाली किसी से गनना न करने वाली
मेरे कतरे-कतरे से वाकिफ हो तुम जानती हूँ मेरे कतरे-कतरे से वाकिफ हो तुम जानती हूँ
जिस्म महक उठता है जब धड़कनों पर सजे साज बज उठते हैं। जिस्म महक उठता है जब धड़कनों पर सजे साज बज उठते हैं।