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Amit Singh

Others

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Amit Singh

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बूढ़ा देश

बूढ़ा देश

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बच कर निकल गई

हाथ आई जिंदगी

मछली जैसे पकड़ में आई

और फिसल गई।

चुप चाप मृत्यु की प्रतीक्षा में

बैठा बूढ़ा आदमी

कब तक नाती-पोतो का

मुँह देखता रहेगा,

दवाई और रोग

पेट की कमज़ोरी

हड्डियों का कड़कड़ापन

और अतीत का बोझ

वर्तमान में रहने नहीं देता।

मेरा देश एक पुराना देश है

जिसकी आँखों में चमक

कभी-कभी आती है।


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