उड चले प्रिये हम नील गगन मेंधरा नही ये हमारे काबिल हैवहशी दरिंदे और शिकारी यहाँइंसानों की खाल में शा... उड चले प्रिये हम नील गगन मेंधरा नही ये हमारे काबिल हैवहशी दरिंदे और शिकारी यहाँइ...
लोगों के सामने आईना रख दिया जाये... कुछ पल ज़िंदगी के अपने अंदाज़ में जिये जायें.. लोगों के सामने आईना रख दिया जाये... कुछ पल ज़िंदगी के अपने अंदाज़ में जिये जायें....
भोर हुई तब ताजगी सी महसुस हुई जैसे कमल दल खिले हो बीती रात में। भोर हुई तब ताजगी सी महसुस हुई जैसे कमल दल खिले हो बीती रात में।
मैं बच्चा हूँ मुझको, खुशियों की किताबें पढ़ने दो। मैं बच्चा हूँ मुझको, खुशियों की किताबें पढ़ने दो।
बच्चों को मुस्कराने वाली किसी से गनना न करने वाली बच्चों को मुस्कराने वाली किसी से गनना न करने वाली
तुम हर गुज़रते दिन में तुम से दूर होना चाहता था। हो गया हो दूर तो अब दिल क्यूँ खुद पर तुम हर गुज़रते दिन में तुम से दूर होना चाहता था। हो गया हो दूर तो अब दिल क्यूँ...