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Leena Kheria

Abstract

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Leena Kheria

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भाईचारा..

भाईचारा..

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ये हरी वसुंधरा सबकी ही है

है ये नील गगन सबका प्रिये

ये सुरभित सुमन सबके ही हैं

है पल्लवित चमन सबका प्रिये..


कभी किसी में भेदभाव नही करते

ये ऊँचे पर्वत ये नदिया ये सागर सब

ईश्वर की बनाई अद्वितिय प्रकृति ने

लोगों में फर्क किया है कब..


हे मानव तू कुछ सीख प्रकृति से

शॉंत चित हो कर विचार तो कर

वासुदेव कुटुम्बकम की प्रवृति को

तू ह्रदय में अपने उजागर तो कर


ऋषि मुनियों ने भी यही सिखाया

है ये विश्व विशाल परिवार समान

जो कोई भी इस धरा पर जन्मा 

तू उसका अपना भाई बंद ही मान..



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