ईश्वर
ईश्वर
उस सर्वशक्तिमान के हाथ में
हर प्राणीमात्र के जीवन की ड़ोर
इस कालचक्र में कब क्या होगा
वही सुनियोजित करता है
हर जीव के जन्म घड़ी से लेकर
उसकी अंतिम सॉंस तक का
हर घड़ी हर पल का हिसाब भी
वही निर्धारित करता है
कब कब क्या क्या होना है
और किसको क्या क्या करना है
ये सारा घटनाक्रम भी समयबद्ध
वही सुनिश्चित करता है
कभी हम सोचते है ये मैनें किया
या लगता है कि मुझे ये करना है
किंतु, अटल सत्य तो यही है कि
वही तो सर्वस्व करता है
आना जाना हँसना रोना
सब उसकी इच्छा पर निर्भर है
सब हैं उसके हाथों की कठपुतली
जिसे वही नियंत्रित करता है...
