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Leena Kheria

Others

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Leena Kheria

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हॉं.. तुम लड़के हो..

हॉं.. तुम लड़के हो..

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चाहे छाये हो गम के बादल या हो

सीने में दर्द का सैलाब

लड़के अपने अश्कों को अपनी ऑंखों में

छुपाना जानते है..


हर हाल हर परिस्थिती में उन्हें तो

बस मुस्कुराना है

लड़के मन ही मन हमेशा से ही ना जाने

क्यूँ ऐसा मानते हैं..


घर-परिवार व समाज का सदा ही

उनको संबल बनना है

प्रचलित सदियों से है सोच यही ये

लड़के बखूबी पहचानते है..


खुलकर जीने व भावनाओं को व्यक्त

करने का हक हो

आईये उन्हें यह अवसर देने का

हम सब ठानते हैं..


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