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Leena Kheria

Inspirational

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Leena Kheria

Inspirational

आस का दिया..

आस का दिया..

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रौशनी तो है हमारे घर में

और हमारे जीवन में

पर क्या हम में से ये सोचा है

कभी किसी ने अपने मन में


कि अंधकार की चादर ओढ़े

जो जी रहे है कम नसीबी में


मुफ़लिसी का है जो जामा पहने

फटे पुराने कपड़े हैं जिनके गहने


भूख और प्यास से होती है 

जिनकी रोज़ ही आँखें चार

कितने बेबस है वो बेचारे

देखो वो कितने है लाचार


ना घर है ना घर में रौशनी है 

ना ही जीवन में उनके उजाला

ऊपर वाले ने ना जाने क्यूँ

उनके नसीब में ये लिख डाला


आओ सब मिलकर उनके जीवन में

एक नयी आस का दिया जलाये

अपने घर से कुछ रौशनी लेकर

उनके अंधेरे आँगन में फैलाये


देखो कैसे इक बार फिर से

जी उठेगी ज़िंदगी

सही मायनों में तभी रौशन

होगी रौशनी


आओ इन भीगी पलकों पर

कुछ झिलमिलाते ख्वाब सजाये

आओ इनके ऑंगन में भी 

कुछ ख़ुशियों के फूल खिलाये



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