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Leena Kheria

Abstract

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Leena Kheria

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ये जिंदगी नही आसॉं..

ये जिंदगी नही आसॉं..

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ज़िंदगी बड़ी ही मुक्तसर है

तू जी भर कर जी ले ..


मयस्सर नहीं होती

ख़ुशियाँ हरदम

जब भी मिले तू जाम 

ख़ुशी के पी ले..


मुन्तज़िर है कोई तेरी 

एक नज़र के लिये

किसी को अपना बना 

खुद किसी का हो ले..


माना कि मौसम है 

अश्कों की बारिश का

पोंछ दे ऑंसू सभी 

सबको हँसां कर हँस ले..


यूँ तो रंजों ग़म की 

कमी नहीं इस ज़माने मे

भूल सब शिकवे गिले 

तू अपनी मौज में जी ले..


है अगर तार तार 

शख़्सियत तेरी

तू अपनी रूह के ज़ख़्मों को

खुद ही सी ले ..


मुकम्मल नहीं होती 

तमन्नाएँ कभी किसी की

हुआ जो हासिल 

उसे तू ख़ुशी से अपना ले ..


फाड़ कर फेंक दे 

वक़्त के पन्ने 

गुज़रे हुए कल को भूल जा 

आज में जी ले..


ज़िंदगी बड़ी ही मुक्तसर है

तू जी भर कर जी ले..




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