रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते
उगते प्रहर में खुलते ही चक्षुद्वार पगरव गुँजे उर के अंदर एक प्यारा सा बवंडर उठे बजते रहते है मंदिर... उगते प्रहर में खुलते ही चक्षुद्वार पगरव गुँजे उर के अंदर एक प्यारा सा बवंडर उठे...
वक्त बदल देता है हर चीज़ को बस रूह को बदल नहीं पाता वक्त बदल देता है हर चीज़ को बस रूह को बदल नहीं पाता
मेरी शिनाख्त अपनी रूह में करना, जिसे तसल्ली से मुस्कुराता हुआ मुझसे ही तो पाते हो। मेरी शिनाख्त अपनी रूह में करना, जिसे तसल्ली से मुस्कुराता हुआ मुझसे ही तो पाते...
पूरी हो जाती है जो प्रेम कहानियाँ उनको कोई याद रखता नहीं, पूरी हो जाती है जो प्रेम कहानियाँ उनको कोई याद रखता नहीं,