चल पाता है रिक्शा घर कि जब उसने जोर लगाया टूनटूनी कमर वजनी रिक्शा चर चर चर चर चर्राया चल पाता है रिक्शा घर कि जब उसने जोर लगाया टूनटूनी कमर वजनी रिक्शा चर चर चर चर ...
कोई नहीं बचा पाएगा तब मुझे नये घर में जाना होगा सारा माया-मोह त्यागना होगा हाँ ! जाना ही... कोई नहीं बचा पाएगा तब मुझे नये घर में जाना होगा सारा माया-मोह त्यागना हो...
तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे। तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे।
जीता हूँ वायदों की कीमत पर मुझे घर जाने से लगता डर। जीता हूँ वायदों की कीमत पर मुझे घर जाने से लगता डर।
इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़। इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़।