बड़ी गाड़ी या नोट आँखें चमका दे अब उनकी वो औकात नहीं। बड़ी गाड़ी या नोट आँखें चमका दे अब उनकी वो औकात नहीं।
यह कविता सदा आगे बढ़ने प्रेरणा देती है। यह कविता सदा आगे बढ़ने प्रेरणा देती है।
हिम्मत रख और आगे बढ़, कामयाबी कर रही इंतज़ार तेरा, हिम्मत रख और आगे बढ़, कामयाबी कर रही इंतज़ार तेरा,
ख़्वाबों से ले के हकीक़त तक, रास्तों से ले के मंज़िल तक ख़्वाबों से ले के हकीक़त तक, रास्तों से ले के मंज़िल तक
धरती, गगन, सागर, अनल हो या अनिल मैं हूँ रास्ता हर जगह फ़तह कर लो मंजिल।। धरती, गगन, सागर, अनल हो या अनिल मैं हूँ रास्ता हर जगह फ़तह कर लो मंजिल।।
रंजिश है तू मगर ख़ुद की रहमत बन जा, कामयाबी की ऐसी मदहोशी में समा, मिले तो अफसोस होए उसे, ख़ुद की... रंजिश है तू मगर ख़ुद की रहमत बन जा, कामयाबी की ऐसी मदहोशी में समा, मिले तो अफस...