आओ अगली पंतग उड़ायें ढलते हुऐ सूरज को देखे क्यों ? आओ रात का आनंद मनाए। आओ अगली पंतग उड़ायें ढलते हुऐ सूरज को देखे क्यों ? आओ रात का आनंद मनाए।
इस बात का अफ़सोस रहेगा काश तुम ही पूछ लेते की मेरा रवैया क्यों बदल गया था इस बात का अफ़सोस रहेगा काश तुम ही पूछ लेते की मेरा रवैया क्यों बदल गया था
ज़रा सी मुस्कान पर दोस्ती, यारी थी न्योछावर अब तो अपनों के रिश्तों में भी अपना हो नहीं पाता... ज़रा सी मुस्कान पर दोस्ती, यारी थी न्योछावर अब तो अपनों के रिश्तों में भी ...
रंजिश है तू मगर ख़ुद की रहमत बन जा, कामयाबी की ऐसी मदहोशी में समा, मिले तो अफसोस होए उसे, ख़ुद की... रंजिश है तू मगर ख़ुद की रहमत बन जा, कामयाबी की ऐसी मदहोशी में समा, मिले तो अफस...
मैं ये देख सकता हूँ न ही सुन सकता हूँ वो कुछ भी कह ले मैं ये देख सकता हूँ न ही सुन सकता हूँ वो कुछ भी कह ले
बेरंग था मेरे बिना आज मेरा ही आशियां बेरंग था मेरे बिना आज मेरा ही आशियां