STORYMIRROR

Priyanshu Kumar

Others

2  

Priyanshu Kumar

Others

होली

होली

1 min
163

जो लफ्ज़ बयां ना कर पाए 

वो रंगों ने बयां कर दिए,

दरमियान इन्हीं रंगों के खेलते 

हम ये दूरियाँ झेल गए।


था अफ़सोस और बहुत

मायूसियां

बेरंग था मेरे बिना आज

मेरा ही आशियां,

पसरी थी आज उन गलियों

में भी खामोशियाँ

लगती थी जहां महफिलें

खिल उठता था समा।



Rate this content
Log in