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Priyanshu Kumar

Abstract

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Priyanshu Kumar

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रास्ते

रास्ते

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 ये पहली बार नहीं की तुम असफल हुए

लेकिन ये आखिरी बार भी नहीं, 

असफलता आती बार-बार

लेकिन मत मानना तुम कभी हार

हार के पार, होंगे तुम्हारे सपने साकार

जो तुम सोच न पाये वो होगा अबकी बार 

जो तुम्हारा मन असफलता से हारा था,

जिसे संकुचित विचारधारा ने मारा था।


होगा इस बार समय पर वार

करेगा वो ढ्ढढ़ निश्चय होंगे सपने साकार

मत मानना राह की असफलताओं से हार

क्योंकि योद्धा करते सहनशक्ति की सीमा पार।


अपनी असफलताओं से कुछ सीखो

पुरानी गलतियों से नाता तोड़ो

वक्त की धारा को तुम मोड़ो,

पाओगे जो तुम चाहते हो 

चाहे क्यों न बंद रास्ते हो।


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