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Priyanshu Kumar

Tragedy

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Priyanshu Kumar

Tragedy

२६ नवंबर

२६ नवंबर

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उनकी कोशिश थी हमें गिराने की

हमारी आर्थिक राजधानी थर्राने की

इंसान की शक्ल में हैवान थे वो

मजहब के नाम पे शैतान थे वो।


बेगुनाहों की आहों से 

शहिदों की चिताओं से

जो बददुआ निकाली होंगी उन बदनसीब माओं से

कभी आजाद नहीं हो पाएंगे ।


बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ

वर्ना कौन निहत्था आतंकियों से लड़ता है

तुकाराम, सालस्कर, उन्नीकृष्णन तो बस कुछ नाम हैं

उनसे भी बढ़कर उनके काम हैं।

सलाम है हमारा उन शहिदों को,

जो ठिकाने लगाते उन मुज्ज्हीदीनो को।



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