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Manju Saini

Tragedy

5  

Manju Saini

Tragedy

शिक्षक की दशा

शिक्षक की दशा

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आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


अनेको कार्यो में हमे उलझा कर डाल दिया

अपना जो काम था उससे दूर कर दिया गया

बस रिकार्ड बाबू हमे समझो बना कर रख दिया

नई शिक्षा नीति ने शिक्षक को बाबू बना दिया


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


शिक्षक हूँ कहने को बच्चों को पढा नही पाती हूँ

आये दिन कागजो की पूर्ति में अटकाई जाती हूँ

कभी टी सी की लिस्ट हाथ में ले रहा जाती हूँ

नही कुछ तो वर्दी किसकी नही देखने जाती हूँ


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


छुट्टी होने के समय पर ही रोज रोक ली जाती हूँ

अब परिवार के लोगो को कहाँ समय दे पाती हूँ

घर पहुंच कर भी फोन मैसज ही पढ़ती रहती हूँ

कब कौन सा मैसेज जो वही देखती रह जाती हूँ


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


सुबह ही लिस्ट काम की हाथ थमा दी जाती हैं 

अटक उसमे बच्चों पर कब ध्यान दे पाती हूँ

कहने को तो शिक्षिका हूँ कहाँ समय दे पाती हूँ

किसके आधार नही आये लिस्ट बनाती रहती हूँ


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


रोज रोज लिपिक बन मन मसोस रह जाती हूँ

करूँ पर प्रधानाचार्य को फालतू नजर आती हूँ

किसको दुख रोऊँ चहुँओर नजर फिराती रहती हूँ

समय पर काम पूर्ण करूँ खुश कहाँ कर पाती हूँ


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


छात्रों के मातापिता आकर मेरी कमी बता जाते हैं

मीटिंग बुला मुझको अपमानित भी कर जाते हैं हैं

छात्र भी आज मुझको कानून बताने आते हैं

तभी आज हम शिक्षक रोज अपमानित होते हैं


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


लगता हैं अब तो मुझको मैं नही पढ़ाने आई हूँ

कान के बहरों को मै क्या सुनाने बैठ आज गई हूँ

शिक्षण का काम छोड़ बस बेगारी करने आई हूँ

लगता हैं अब तो मुझको मैं नही पढ़ाने आई हूँ


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ


पैसो के लालच में कमजोर छात्र ले लिए जाते हैं

परिणाम न हो ठीकरा शिक्षक पर फोड़ा जाता हैं

छात्रों को मै शिक्षा दूं समय नही छोड़ा जाता हैं

अच्छे संस्कार दे पाऊँ समय दिया नही जाता हैं


आई थी शिक्षिका बनने पर कभी नही बन पाई हूँ

अपने भावी कर्णधारों को शिक्षा नही दे पाई हूँ.


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