कुछ यूँ
कुछ यूँ
कुछ यूँ वक़्त गुजार गया कोई
झूठी मोहब्बत,साथ के वायदे कसमें
मेरी किस्मत का खोट बता गया कोई
इधर मैं देखो प्रेम के फ़लसफ़े गाती रही।
कुछ यूँ वक़्त गुजार गया कोई
झूठी मोहब्बत,साथ के वायदे कसमें
मेरी किस्मत का खोट बता गया कोई
इधर मैं देखो प्रेम के फ़लसफ़े गाती रही।