Manju Saini
Inspirational
फ़कीरी मिज़ाज हूँ मैं,
अपना अंदाज़ बयां रखतीं हूँ।
औरो से जुदा मेरा वजूद,
हर दम मस्त रहती हूँ।
शीर्षक:मातृदि...
:उद्वेग
कुछ यूँ
परहन
आज भी
:आत्मचिंतन जर...
चंदा मामा
:मेरा भारत मह...
मिज़ाज
प्रतीक्षा की ...
अगर तुम अंधेरेमें चलो तो, मै तुम्हारा उजीयारा हूं। अगर तुम अंधेरेमें चलो तो, मै तुम्हारा उजीयारा हूं।
रोनेवाला भी नहीं रहा पानी देनेवाला भी नहीं रहा। रोनेवाला भी नहीं रहा पानी देनेवाला भी नहीं रहा।
क्रिस्टलों के साथ आओ हम-तुम नृत्य करें, एक दिव्य नृत्य, हो जो तुलना से परे। क्रिस्टलों के साथ आओ हम-तुम नृत्य करें, एक दिव्य नृत्य, हो जो तुलना से परे।
मिल-जुलकर रहेंगे हम सदा मतभेद सभी मिटायेंगे गणतंत्र पर्व की खुशियां मनाएंगे। मिल-जुलकर रहेंगे हम सदा मतभेद सभी मिटायेंगे गणतंत्र पर्व की खुशियां मनाए...
फिर अवधपुरी में, आन विराजे रघुनंदन राम ना इसके, ना उसके, हम सब के प्यारे राजा राम। फिर अवधपुरी में, आन विराजे रघुनंदन राम ना इसके, ना उसके, हम सब के प्यारे राजा...
धनवान वह नहीं जिसके पास धन की टोकरी। धनवान वह नहीं जिसके पास धन की टोकरी।
घर को पर्णकुटी बनाना है बस इतनी सी कोशिश करना है। घर को पर्णकुटी बनाना है बस इतनी सी कोशिश करना है।
मां भारती के वीर सपूत को मेरा शत्-शत् प्रणाम। मां भारती के वीर सपूत को मेरा शत्-शत् प्रणाम।
सीखकर पाठ मर्यादा पुरुषोत्तम जीवन से संवर जाए यह मानुष तन फिर। सीखकर पाठ मर्यादा पुरुषोत्तम जीवन से संवर जाए यह मानुष तन फिर।
जानलेवा जब भी जो अतिवादी हुआ॥ जानलेवा जब भी जो अतिवादी हुआ॥
ममत्व मातृ अंक में, मिला मुझे विराम है॥ पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥ ममत्व मातृ अंक में, मिला मुझे विराम है॥ पवित्र पुण्य भारती, प्रणाम है प्रणाम है॥
आज वही दिन है आया सबका हुआ ये मनभाया सदियों रही हमें प्रतीक्षा पूरित हुयी आज इच्छा। आज वही दिन है आया सबका हुआ ये मनभाया सदियों रही हमें प्रतीक्षा पूरित हु...
ना लिखो कोई रस पाने को, लिखो हर रस बहाने को। ना लिखो कोई रस पाने को, लिखो हर रस बहाने को।
सूरज की किरण वहाँ, कभी करती नहीं सबेरा। सूरज की किरण वहाँ, कभी करती नहीं सबेरा।
सर्दी के इस खूबसूरत मौन में, सौंदर्य की कहानी बनती नया धमाल।| सर्दी के इस खूबसूरत मौन में, सौंदर्य की कहानी बनती नया धमाल।|
कल यहाँ वहाँ बंटे कंबल रजाई, दोई चार कंबल सौ फोटो खिंचाई.. कल यहाँ वहाँ बंटे कंबल रजाई, दोई चार कंबल सौ फोटो खिंचाई..
तुम मर्यादा पुरुषोत्तम बने तुम्हारे स्वरूप दिलों पे छाये॥ तुम मर्यादा पुरुषोत्तम बने तुम्हारे स्वरूप दिलों पे छाये॥
ऐ देश तुम पर मेरा दिल दीवाना हो गया, तुम्हारे शीश पर हिमालय, चरण पखारता सागर है। ऐ देश तुम पर मेरा दिल दीवाना हो गया, तुम्हारे शीश पर हिमालय, चरण पखारता सागर...
मर्यादा पुरुषोत्तम और संस्कारी, सत्यम् शिवम् सुंदरम् व धनुर्धारी। मर्यादा पुरुषोत्तम और संस्कारी, सत्यम् शिवम् सुंदरम् व धनुर्धारी।