STORYMIRROR

Roshan Baluni

Inspirational

4  

Roshan Baluni

Inspirational

"प्रेम"

"प्रेम"

1 min
569

घर-आँगन में महक हो

प्रेम बेलि तू बोय।

सुरभित पुष्पों से सभी

सम्मोहित सब होय।।


साँझ - सवेरे प्रेम से

बोलो जय श्री राम।

द्वेष-दंभ सब ही मिटे

पायेगा सुखधाम।।


प्रेम सकल संसार की

 औषधि है अनमोल।

घृणा दूर कर चित्त से

मीठी बोली बोल।।


बड़े-बुजुर्गों का करो

 दिल से तुम सम्मान।

सेवा से मेवा मिले

पाओगे  वरदान।।


मानव का कर्तव्य है

 जीव-जगत से प्यार।

प्रभु सेवा,उपकार से

 चलता  है  संसार।।


उस ईश्वर की है दया

पाया मानव रूप।

भज ले अब तू प्रेम से

रब के भिन्न स्वरूप।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational