सब्र कर।
सब्र कर।
आज नहीं हुआ तो कल का इंतजार कर
तैयारी थोड़ा बेहतर कर,
माना कि थोड़ा देर तो लगेगा
कुछ पाना हे तो
थोड़ा सब्र कर।
आज का दिन अच्छा नहीं था
कल का सूरज नए पैगाम लाएगा
आज अधूरा छुट गया जो
कल को पूरा हो जाएगा
अंधेरा कितना गहरा क्यूँ ना हो
सुबह सूरज जरूर आएगा
जल्द से जल्द कुछ हासिल नहीं होता
थोड़ा सब्र कर।
बेहतरीन होते हें वो लोग
खुद को एहसास दिलाते हें
मंज़िल है जिंदगी की सड़क
रुकावट हर मोड़ पे आएगा
रुक जा और जीत की तैयारी कर
पर खुद को धोका मत दे
मत बोल वो हासिल नहीं हो पाएगा।
सब्र कर थोड़ा
जिंदगी वीर की साथ चलता है
अनजान कोई भी नहीं होता
सब पल दो पल की मेहमान होतें हें,
बस कभी फिसल जातें हें
कुछ लम्हे वहीँ पर ठेहेर के देखते हैं,
जो निकल जाए आगे बढ़ने में
हम सोच लेते हैं
वो साथ देता तो क्या नहीं होता।
कहीं नदी के किनारे बैठ के सोच लेता हूं
ये चांद को भी सब्र करना पड़ता है
रात को आने की इंतजार करता है,
कुछ देर तो लगता है
पर जब भी आता है
सब का मन बेहेला लेता है,
सब्र का फल में
जिंदगी का मिठास आता है
कुछ जादू कुछ करिश्मा मिला होता हे
बस थोड़ा सब्र कर।