बात करनी हो
बात करनी हो
बात करनी हो अपनों से तो बोलो प्रेम की भाषा,
गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा।
जिसने प्रेम की भाषा अपनाई हुआ जग उद्धार,
जैसी भाषा प्रयोग करते हो वैसी ही रखो आशा।।
बात करनी हो गैरों से आदब से करनी है बात
यदि अपशब्दों का प्रयोग किया होंगे बुरी हालात
अपने हो या गैर हो इंसानियत आती सदा काम
मेलजोल बढ़ जाता है यदि करते हो मुलाकात।।
बात करनी हो गुरु से तो चरण स्पर्श करना न भूल
धीरज शांति और अदब से बातें होती है जन कबूल
गुरु होता है जग में सबसे बड़ा उसका करना सम्मान
बातों के जरिए ही इंसान बनता जगत का मूल ।
बात करनी हो पिता से रखना हरदम उनका मान
बच्चे से महान बनता पिता का होता अहम योगदान
जब काफी वक्त मिले समझो कि प्रभु आए द्वार
छोटी सी उमर में ही पिता देते हैं विश्व का ज्ञान।।
>
बात करनी हो माता से समझो देवी आई है द्वार
बचपन से बड़े होने तक देती रहती वह बडा प्यार
पूरे जीवन में मिलती है वह इंसान को बस एक बार
उनकी हर तमन्ना करो पूरी होगा तब जगत उद्धार।।
बात करनी हो दोस्तों से हंसकर करनी है बात
रोते हुए बात की तो बुरी हो जाती तब हालात
सुख-दुख के साथी होते उनका करना सम्मान
हर वक्त भला सोचो चाहे सुबह हो या रात।।
बात करनी रिश्तेदारी मे बताओ न घर या भेद
छोटी छोटी बातें बताकर हो जाता है घर में छेद
रिश्तेदारी में हर बात बताना होता सदा ही बेकार
बुरा हो जाए जिगर में फिर होता जमकर खेद।।
बात करनी हो पत्नी से गुढ बातें मत बतलाना
हर दुख तकलीफ पत्नी को जरुर ही बतलाना
पत्नी होती अर्धांगिनी करती सेवा दिन और रात
पत्नी समझो अर्धांगिनी पूरी जिंदगी साथ बिताना।।