कविता में कहानी
कविता में कहानी
जालिम एसपी बुरा बहुत, बातें उसकी लगे मवाली,
सुनकर बातें अनसुनी करे, देश नहीं होता है खाली।
दुर्घटना में मरे की सुनता, कहता आबादी न हो कम,
सुनकर उसकी बेतुकी बातें, कइयों की आंखें हो नम।
वक्त यूं बीतता चला गया, कितनी दुर्घटनाएं घटे रोज,
नहीं सुनता एसपी किसी की, हरदम उड़ाता वो मौज।
एक दिन की घटना सुन लो, दुर्घटना सुन रहा वो मौन,
फोन आये कितनी बार किंतु, नहीं उठाया उसने तो फोन।
कहा-मर जाये तो खाली न, होगा अपना प्यारा सा देश,
फोन आते काट देता सारे, मरा लड़का जान नहीं शेष।
आकर एक व्यक्ति ने कहा, दुर्घटना में आपका ही मरा,
सुन अपने लड़के की मौत, कांप उठा रोया जमकर डरा।
होश में आ गया वो अब, काश, मैं सुन लेता हर बात,
खुद का लड़का बचता, नहीं बनते मेरे ये बद हालात।
अब तो आ गया वो होश में, सुनने लगा सबकी बात,
पर बीत गया नहीं आए, पछतावे की बस बची रात।
नव कलमकारों की दुनिया
कौशल को अपनाइये, बन जा बिगड़े काम।
पूरे जग में यूं मिले, ऐसे जन का नाम।।
भूल नहीं होती कभी, जीवन अंतिम शाम,
सच का दामन थाम ले, मिले स्वर्ग का धाम।।
कौशल मिलता गर कभी, कहलाता आधार।
हिम्मत मेहनत से करो, हरदम जग में प्यार।।
पाप बुराई जब बढ़े, मौत मिले इंसान,
धर्म मार्ग पर जो चले, मिले नहीं जन हार।।