चुनिंदा हाइकु
चुनिंदा हाइकु
चुनिंदा हाइकु
1.
सुनो सावन
धीरे-धीरे बरसो
मनभावन।
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2.
आया सावन
रिमझिम फुहार
हर्षित मन।
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3.
खुशियाँ ले के
सावन का महीना
आया झूम के।
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4.
पावन मन
श्रावणी सोमवार
करें भजन।
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5.
भोले भंडारी
परम उपकारी
हैं दुखहारी।
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6.
झिलमिलातीं
रिमझिम फुहारें
मन हर्षाती।
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7.
दस्तक देता
समय संकट का
देशभक्ति का।
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8.
ये रक्तदान
अतुलनीय दान
है महादान।
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9.
होंगे महान
करें जो रक्तदान
करिए दान।
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10.
रक्तदान है
पूर्णत: निरापद
फिर क्यों न दें।
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11.
जब देने से
कम न हो कुछ भी
क्यों न दें खून ?
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12.
दूजा ना कोई
रक्तदान सा दान
ये महादान।
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13
जीवनदाता
महान रक्तदाता
होते हैं सदा।
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14.
सुनो कोरोना
अब तुम जाओ ना
ना रूलाओ ना।
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15.
खूब रूलाए
और मत रूलाओ
कोरोना जाओ।
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16.
सुन कोरोनो
तूने खूब रूलाया
और ना रूला।
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17.
कसम खाएँ
अब चीनी उत्पाद
ना अपनाएँ।
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18.
देशी वापरें
स्वाभिमान जगाएँ
देश बढ़ाएँ।
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19.
कम न होती
माता की ममता से
पिता का प्यार।
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20.
पिता का प्यार
दिखे नहीं आँखो से
दिखे दिल से।
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21.
प्यार पिता का
महसूस करिए
दिखेगा नहीं।
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22.
हर गलती
दस्तक देती सदा
सतर्क रहें।
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23.
महक उठा
पाके तेरा दस्तक
मन आँगन।
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24.
तीजा के दिन
हुआ पुनर्मिलन
पार्वती-शिव।
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25.
भोले भंडारी
परम उपकारी
हैं दु:खहारी।
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26.
आया है तीजा
ले खुशियाँ अपार
आएगा मजा।
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27.
प्यार हमारा
सूरज-चाँद जैसे
रहेगा सदा।
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28.
तीजा का पर्व
सुहागिन का धर्म
मनाएँ हम।
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29.
तीजा के रंग
मायके में उमंग
बेटी के संग।
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30.
दीर्घायु पति
कामना करें सती
तीजा करती।
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31.
जब भी देखा
मेंहदी लगा हाथ
मन हर्षाया।
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32.
मेहंदी नहीं
प्यार है तेरे लिए
मेरे दिल की।
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33.
हरी पत्तियाँ
लाल रंग में रंगे
हाथों में तेरे।
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34.
प्रेम सँवारा
लिखकर हाथों में
नाम तुम्हारा।
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35.
मनभावन
हरियाला सावन
झूमे है मन।
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36.
जीना मुहाल
कर दिया कोरोना
बुरा है हाल।
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37.
सब लाचार
कोरोना के कारण
आधे बीमार।
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38.
कोरोना मूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
रहस्य गूढ़।
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39.
खुद बचके
दूसरों को बचाके
जीतें कोरोना।
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40.
लॉकडाऊन
समाधान नहीं है
सावधानी है।
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41.
लाखों के बिल
लाईलाज रोग के
कोरोना खेल।
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42.
वायरस ने
भुलाया परमाणु
सारे शस्त्रास्त्र।
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43.
एक एक दो
मिलकर रहें जो
ग्यारह होते।
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44.
सपने देखे
वही तो आगे बढ़े
सफल हुए।
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45.
पर्दे की ओट
रह नहीं सकती
मन की खोट।
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46.
भूलता नहीं
बचपन का प्यार
इंसान कभी।
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47.
अपनापन
दिखता नहीं आज
खोए इंसान।
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48.
डरना नहीं
मुकाबला करना
लक्ष्य जीतना।
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49.
आसान नहीं
कोशिश किए बिना
कुछ भी पाना।
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50.
आवश्यकता
ही होती है जननी
आविष्कार की।
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51.
जग जानता
धरती सी होती माँ
पिता आसमां
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52.
जीवन सार
सदैव समभाव
धूप या छाँव।
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53.
मन के द्वार
खोले जो, समझिए
अपने यार।
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54.
कुछ भी यहाँ
नामुमकिन नहीं
संभव सभी।
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55.
धर्म न कोई
परोपकार जैसी
जान लो सभी।
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56.
चिंता न करें
आने वाले कल की
आज को जीएँ।
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57.
अशिक्षा जैसी
अंधकार दूसरी
होती न कोई।
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58.
धर्मांधता - सी
जहर नहीं होई।
समझें सभी।
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59.
मां की दुआ
होती है फलीभूत
देर सबेर।
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60.
लेना न कभी
माता-पिता की आह
चाहे जो भी हो।
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61.
अपनापन
मिलता है कहां आज
इस जहां में।
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62.
भूलना नहीं
वोट जरुर देना
बेचना नहीं।
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63.
शांति सदैव
सहानुभूति में ही
हमें मिलती।
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64.
प्रतीक्षा सदा
अच्छा नहीं होता है
जान लें सभी।