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Dr. Pradeep Kumar Sharma

Classics Fantasy Inspirational

5  

Dr. Pradeep Kumar Sharma

Classics Fantasy Inspirational

चुनिंदा हाइकु

चुनिंदा हाइकु

2 mins
509


चुनिंदा हाइकु 


1.

सुनो सावन

धीरे-धीरे बरसो

मनभावन।

-------

2.

आया सावन

रिमझिम फुहार

हर्षित मन।

-------

3.

खुशियाँ ले के

सावन का महीना

आया झूम के।

--------

4.

पावन मन

श्रावणी सोमवार

करें भजन।

-------

5.

भोले भंडारी

परम उपकारी

हैं दुखहारी।

--------

6.

झिलमिलातीं

रिमझिम फुहारें

मन हर्षाती।

---------

7.

दस्तक देता 

समय संकट का

देशभक्ति का।

---------

8.

ये रक्तदान

अतुलनीय दान

है महादान।

---------

9.

होंगे महान

करें जो रक्तदान

करिए दान।

---------

10.

रक्तदान है

पूर्णत: निरापद

फिर क्यों न दें।

---------

11.

जब देने से

कम न हो कुछ भी

क्यों न दें खून ?

---------

12.

दूजा ना कोई

रक्तदान सा दान

ये महादान।

----------

13

जीवनदाता

महान रक्तदाता

होते हैं सदा।

---------

14.

सुनो कोरोना

अब तुम जाओ ना

ना रूलाओ ना।

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15.

खूब रूलाए

और मत रूलाओ

कोरोना जाओ।

----------

16.

सुन कोरोनो

तूने खूब रूलाया

और ना रूला।

----------

17.

कसम खाएँ

अब चीनी उत्पाद

ना अपनाएँ।

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18.

देशी वापरें

स्वाभिमान जगाएँ

देश बढ़ाएँ।

------------

19.

कम न होती

माता की ममता से

पिता का प्यार।

------------

20.

पिता का प्यार

दिखे नहीं आँखो से

दिखे दिल से।

------------

21.

प्यार पिता का

महसूस करिए

दिखेगा नहीं।

-----------

22.

हर गलती

दस्तक देती सदा

सतर्क रहें।

_______

23.

महक उठा

पाके तेरा दस्तक

मन आँगन।

_______

24.

तीजा के दिन

हुआ पुनर्मिलन

पार्वती-शिव।

_______

25.

भोले भंडारी

परम उपकारी

हैं दु:खहारी।

_______

26.

आया है तीजा

ले खुशियाँ अपार

आएगा मजा।

_______

27.

प्यार हमारा

सूरज-चाँद जैसे

रहेगा सदा।

_______

28.

तीजा का पर्व

सुहागिन का धर्म

मनाएँ हम।

_______

29.

तीजा के रंग

मायके में उमंग

बेटी के संग।

_______

30.

दीर्घायु पति

कामना करें सती 

तीजा करती।

_______

31.

जब भी देखा

मेंहदी लगा हाथ

मन हर्षाया।

_______

32.

मेहंदी नहीं

प्यार है तेरे लिए

मेरे दिल की।

_______

33.

हरी पत्तियाँ

लाल रंग में रंगे

हाथों में तेरे।

_______

34.

प्रेम सँवारा

लिखकर हाथों में

नाम तुम्हारा।

_______

35.

मनभावन

हरियाला सावन

झूमे है मन।

_______

36.

जीना मुहाल

कर दिया कोरोना

बुरा है हाल।

_______

37.

सब लाचार

कोरोना के कारण

आधे बीमार।

_______

38.

कोरोना मूढ़

किंकर्तव्यविमूढ़

रहस्य गूढ़।

_______

39.

खुद बचके

दूसरों को बचाके

जीतें कोरोना।

_______

40.

लॉकडाऊन

समाधान नहीं है

सावधानी है।

_______

41.

लाखों के बिल

लाईलाज रोग के

कोरोना खेल।

_______

42.

वायरस ने

भुलाया परमाणु

सारे शस्त्रास्त्र।

_______

43.

एक एक दो

मिलकर रहें जो 

ग्यारह होते।

*** *** ***

44.

सपने देखे

वही तो आगे बढ़े

सफल हुए।

*** *** ***

45.

पर्दे की ओट

रह नहीं सकती

मन की खोट।

*** ***  ***

46.

भूलता नहीं

बचपन का प्यार

इंसान कभी।

*** *** ***

47.

अपनापन

दिखता नहीं आज

खोए इंसान।

*** ***  ***

48.

डरना नहीं

मुकाबला करना

लक्ष्य जीतना।

*** ***  ***

49.

आसान नहीं

कोशिश किए बिना

कुछ भी पाना।

***  *** ***

50.

आवश्यकता

ही होती है जननी

आविष्कार की।

***  *** ***

51.

जग जानता

धरती सी होती माँ

पिता आसमां

*** ***  ***

52.

जीवन सार

सदैव समभाव

धूप या छाँव।

*** *** ***

53.

मन के द्वार

खोले जो, समझिए

अपने यार।

*** *** ***

54.

कुछ भी यहाँ

नामुमकिन नहीं

संभव सभी।

*** *** ***

55.

धर्म न कोई

परोपकार जैसी

जान लो सभी।

*** *** ***

56.

चिंता न करें

आने वाले कल की

आज को जीएँ।

*** ***

57.

अशिक्षा जैसी

अंधकार दूसरी

होती न कोई।

*** *** ***

58.

धर्मांधता - सी

जहर नहीं होई।

समझें सभी।

*** *** ***

59.

मां की दुआ

होती है फलीभूत

देर सबेर। 

*** *** ***

60.

लेना न कभी

माता-पिता की आह

चाहे जो भी हो।

*** *** ***

61.

अपनापन

मिलता है कहां आज

इस जहां में।

*** *** ***

62.

भूलना नहीं

वोट जरुर देना

बेचना नहीं।

*** *** ***

63.

शांति सदैव

सहानुभूति में ही

हमें मिलती।

*** *** ***

64.

प्रतीक्षा सदा

अच्छा नहीं होता है

जान लें सभी।


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