गज़ल
गज़ल
मेरे दिलदार बहुत मुझसे प्यार करते हो।
बहुत तकरार रूठ कर के यार करते हो।
कि जैसे शहद में अमिया की चटनी घोली हो
मेरे सुकून पर तुम हर बार बार करते हो।
यह लड़ना झगड़ना औ रूठ के चले जाना।
मान जाते हो तो फिर जां निसार करते हो।
एक दूजे के भावनाओं की हम कद्र करें।
यही कहते हो दिल को बेकरार करते हो।
तुम्हारा प्यार है एक भूल भुलैया की तरह।
राह भटका के गज़ब तुम भी यार करते हो।

