प्रियतम की याद आती है
प्रियतम की याद आती है
आज प्रियतम फिर याद तुम्हारी आती है,
तुम्हारा मुस्कुराना, मुझे गले लगाना
तुम्हारी याद रह रह कर सताती है
ये जुल्म भरी तन्हाई दिल को बुहत सताती है
एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है
भूल गई मैं बिंदिया, कजरा
सूख गया वेणी का गजरा
अधर मौन नैन विकल है
लम्हा-लम्हा याद तुम्हारी आती है
मौसम भी हुआ सुहावना मिट्टी की खुशबू आती है
एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है
ये फासले से दिल बुहत तड़पता है
अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते हैं
डरते हैं तोड़ न जाओ कहीं तुम दिल मेरा
कहीं कर ना जाओ जिंदगी में मेरे अंधेरा
विरह सी रात अधुरी कहानी जो हुई ना पूरी
नयी उमंग जगा जाओ, एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है
दिल की बात कहना नहीं आसान
मुहब्बत लेती कैसे इम्तहान
अब और क्या कहें सब कुछ कह चुके हैं
बस तुम्हारे इकरार के लिए रुके है
रूठ गई वीना मेरी
राग-रागिनी चुप है सारी
अधरों को सूर दे जाओ
एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है
भंवरे का गुंजन बज उठी शहनाई है
नाचता पता-पता हर कली इठलाते है
पुरवा के झोंके ने वासंती राग गाया है
घटाए घिरने लगी चारो ओर हरियाली छाती है
चातक से नैना ये तरसे, बिन बादल आंखें बरसे
अब तो धीर बंधा जाओ
एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है
प्यार का नाम सुन अधरों पर मुस्कान आती है
अब विरह वेदना सही नहीं जाती है
दिल में तुम्हारा इंतजार बाकी है
दिल में प्रेम का छंद, मन में चौपाई है
तुम्हारी एक झलक देखने से आंखे शर्म से झुक जाती है
मन का मयूर झूमे
आज तो प्रियतम से मिलने की घड़ी आई है
तुम्हारे आने की खबर सुनकर दरवाजे पर मेरी निगाह टिक जाती है
दिल में तुम्हारा इंतजार अब तुमसे मिलने की बेकरारी छाती है
एक बार आ जाओ प्रियतम याद तुम्हारी आती है।