होली के रंग, राधे श्याम के संग
होली के रंग, राधे श्याम के संग
राधे कान्हा का प्रिय त्यौहार
आओ मनाए इसे संग फूल के हार।
राधा रानी कर रही श्याम का इन्तजार
फाल्गुन के इस होली के त्योहार के नाम।
राधे बुन रही है ख्वाब
कान्हे आकर करेंगे गाल गुलाब।
राधे के आंगन में बजी बासुरी की धुन
सुध बुध खो बैठी ये राधे बासुरी धुन सुन।
आंखे जिस क्षण को गई थी तरस
वो क्षण था अभी राधे के समक्ष।
वो स्तब्ध खड़ी थी कान्हा के संग
जैसे रंगी हो उनके ही रंग।
वो कान्हा ने जैसे ही गुलाल लगाया राधे को
वो आंखें मींच जीने वो लगी उस क्षण को।
बारी अब राधा रानी की आई
गुलाल लगाने को श्याम के पीछे दौड़ी आई।
कान्हा आगे आगे रहे दौड़
वो राधे उनके पीछे हैं रही दौड़।