Saroj Garg

Abstract

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Saroj Garg

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नववर्ष

नववर्ष

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नया- नया साल आया,

उमंग खुशी है लाया, 

बुराई का अंत करो,

इस नये साल में। 


नये-नये फूल खिलें , 

नये रंग मन मिलें ,

प्रीत में उमंग फैले ,

जीत और हार में। ।


नये-नये छंद लिखें, 

मृषा व विवेक लिखें,

प्रेम-भाव काव्य लिखें,

नव छंद काव्य में। 


खुशियाँ सभी को देना,

दुख दर्द भगा देना ,

प्रेम रंग भर देना ,

तुम हर हाल में ।।



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