परिवार
परिवार
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मात-पिता साथ रहें,
खुशियों की धारा बहे,
चरणों में शीश झुके,
सुखी होता परिवार।
बड़ों को सम्मान करो ,
छोटों में संस्कार भरो ,
प्रेम रूपी नदी बहे ,
सुखी रहता संसार ।।
पीपल की छैया मिले,
प्राणवायु सदा चले ,
प्रेम गंगा नित बहे ,
यही तो है सदाचार।
मुट्ठी बंधी लाख की है,
खुल जाये खाक की है,
आपस में प्रेम रहे ,
जीवन का उपहार।।