अनुशासन
अनुशासन
होकर के अनुशासित जग में
अगर रहेंगे सुख पाएंगे ।
मंजिल तब कदमों में होगी ,
सुख के सागर लहराएंगे ।।
अनुशासन है नीति संहिता ,
कैसे सफल बनाएं जीवन ।
अगर रहे मर्यादाओं में ,
मीठे मीठे फल खाएंगे ।।
मानव सामाजिक प्राणी है,
एक दूसरे का हित देखें ।
सामाजिकता बनी रही तो,
संकट कभी न गहराएंगे ।।
खुद की बात अगर मानेंगे ,
खुद के नियम जब पालेंगे।
स्व अनुशासन वाले ऐसे ,
लोग महात्मा कहलाएंगे ।।
अनुशासन है समय प्रबंधन,
वक्त गया तो कभी न लौटा ,
अगर हाथ में रखा वक्त तो,
हर बाधा से टकराएंगे ।।
आत्मा की आवाज सुनी जो ,
ईश्वर के अनुशासन में रह।
लोक और परलोक हमारे ,
दोनों साथ सुधर जाएंगे ।।
"अनन्त" बंधन एक बुराई ,
होने पर भी आवश्यक है ।
लोगों छिपी भलाई इसमें ,
बंधन कहाँ नजर आएंगे ।।
