चिड़िया का घोंसला
चिड़िया का घोंसला
चिड़िया तिनका तिनका चुन चुकर लाती
लाख कोशिश करके अपना घोंसला बनाती।
घोंसलो में आबाद रहते हैं एक एक तिनके के सहारे
उड़ाने भरते ऊँचे आसमान में हौसलो के सहारे।
कोई घोंसला आबाद रहता है इंसान के दिल में
किसी के आगन कि रौनक होती है घोंसले।
अक्सर चहचहाहट बहुत कुछ कहना चाहती है दिवारो में
उसक चिडि़या माँ ने बनाया है घोंसला ।
उन घोंसले के सहारे जिया है मैने अपनी जिन्दगी
हर मौसम से बचाया था दिन रात जिन दीवारों में ।
चिड़िया माँ ने सिखाया चौं-चौं करना, फुदक फुदक कर चलना फुर से उड़कर दाने चुगना
माँ का प्यार दुलार करना बच्चों का लालन पालन करना।
इसलिए मानव जो तू महज घोंसला समझकर तोड़ देता
वो किसी का घर संसार है अपने पाप से डर जरा।
