लक्ष्य पाने की चाह
लक्ष्य पाने की चाह
फिजूल के खयालों से, मन को उदास मत करो।
मनोबल गिरा कर यूं, लक्ष्य को हताश मत करो।।
जो कोशिश की है तो, सफलता ही मिलेगी।
संदेह करके खुद ही, मेहनत पर परिहास मत करो।।
कभी गिर ना कभी उठना, यह तो रीत है इस युद्ध की।
अभी से घबराकर, विकल्प की तलाश मत करो।।
हा माना थोड़ा मुश्किल है, शिखर तक पहुंचना।
पर तुम जीते बिना ही, दौड़ से निकास मत करो।।
अपने रक्त स्वेद की लाज आखिर तुम्हें ही बचा नहीं है।
इसलिए कोई कुछ भी कहे तुम विश्वास मत करो।।