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बिपाशा उस अनुपम देश की सुंदर कल्पनाओं में उलझ कर नींद के आगोश में चली जाती है। बिपाशा उस अनुपम देश की सुंदर कल्पनाओं में उलझ कर नींद के आगोश में चली जाती है।
इसी बीच फ्लाइट के समय की घोषणा होने लगी। इसी बीच फ्लाइट के समय की घोषणा होने लगी।
जरा ठीक से तो लगाओ जरा ठीक से तो लगाओ
मत्स्यराज ने सोनू को प्रेम से पुचकारते हुए पूछा- "बेटा! तुम यहां कैसे पहुंच गए मत्स्यराज ने सोनू को प्रेम से पुचकारते हुए पूछा- "बेटा! तुम यहां कैसे पहुंच गए
वह सिर पकड़ कर चारपाई पर बैठ गया और बीते खुशहाली के दिनों को याद करने लगा वह सिर पकड़ कर चारपाई पर बैठ गया और बीते खुशहाली के दिनों को याद करने लगा
कुक्कुट का सुख भी शाश्वत नहीं रहा, उसके जीवन में एक भीषण बज्र-पात हुआ कुक्कुट का सुख भी शाश्वत नहीं रहा, उसके जीवन में एक भीषण बज्र-पात हुआ
और शीत भरे मौसम में भी पश्चाताप की अग्नि में तपकर गर्मी का अनुभव करने लगे। और शीत भरे मौसम में भी पश्चाताप की अग्नि में तपकर गर्मी का अनुभव करने लगे।
कॉपी के श्वेत पन्नों से निर्मित छोटी-छोटी नाव बनाकर तैराते थे। कॉपी के श्वेत पन्नों से निर्मित छोटी-छोटी नाव बनाकर तैराते थे।
उनकी पत्नी झकरी एक सभ्य महिला थी जो तन-मन से अपने पति का साथ देती थी। उनकी पत्नी झकरी एक सभ्य महिला थी जो तन-मन से अपने पति का साथ देती थी।
बंद कमरे में एकांत ही कामना का एकमात्र साथी था। बंद कमरे में एकांत ही कामना का एकमात्र साथी था।