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Akhtar Ali Shah

Inspirational

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Akhtar Ali Shah

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भाई दूज हमारा

भाई दूज हमारा

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प्यार बहन भाई का कायम,

रहे ये थी दरकार। 

इसीलिए तो रख्खा हैं ये,  

पुरखों  ने त्योहार।।


रक्षाबंधन  जैसा  ही  है,  

भाई दूज हमारा। 

सबको भाई बहना का ये,  

प्यार लगे है प्यारा।।

इसदिनबहनें तिलक लगाके, 

दुआये रब से मांगे। 

दूर सभी हों भैया के गम,  

किस्मत उसकी जागे।।

रिश्ता दोनों  का ये लोगों,  

पावन गंगा जल सा।

जब तक है जीवन ये रिश्ता, 

जीवन के संबल सा।।

विफल करे ना इसको कोई, 

फलता जाए प्यार।

इसीलिए तो रख्खा हैं ये,  

पुरखों ने त्योहार।।


कभी बहन गोदी में लेकर,  

भाई को दुलरावे।

भैया कभी बहन को अपने, 

कांधे पर उचकावे।।  

कभी लड़ें आपस में दोनों, 

कभी प्यार से खेलें। 

साथ साथ बरसात में भींगे,  

सर्दी गर्मी झेलें।।

बड़ी अगर है माँ की गोदी,  

सुखदाई , देती है।

छोटी है तो मांग मांग कर,  

जान ही ले लेती है।।

"अनन्त"इस रिश्ते से पाता, 

जीवन नया निखार।  

इसीलिए तोरख्खा हैं ये, 

पुरखों  ने त्योहार।।


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