STORYMIRROR

Ms SUDHA PANDA

Inspirational

4  

Ms SUDHA PANDA

Inspirational

दोहा छंद

दोहा छंद

1 min
314


खण्डित मन मत कीजिए, होता है अवसाद।

सबको अपना मानिए, अनुपम मिले प्रसाद।।


वर्जित खंडित मूर्ति है, रखना नहीं निवास।

खंडित मन रखना नहीं, निर्मल मन रख पास।।


खंडित करते देश जो, कहलाते गद्दार।

कभी तोड़ना मत वतन, करो नेक उद्गार।।


खंडित लज्जित मानकर, करो देश गुणगान।

यहाँ शहीदों ने दिए, प्राणों का बलिदान।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational